सुनो जब कहती हूँ कुछ मत लाना
तब खुद आजाना और कुछ सपने बुन लाना
साकार सा एक रिश्ता देखा है
जिसमें जीवन को जीते देखा है
सुबह अलमस्त दोस्त बनते
शाम को युद्ध के हथियार उठाते देखा है
कहते थे सब पछताओगे
पर सुख भी वहाँ ही सब पाओगे
कोयल के जैसे सुर लगाना
क़ोए की तरह क़वाना भी सिख जाओगे
ऐसे ही एक रिश्ते में पूरा जीवन बिताओगे
कितना भी कह लो कितना भी सुन लो
चाहो तो हर इच्छा का बीज बुन लो
पर गिरोगे और उठोगे भी
अब खुद ही उस रिश्ते को चुन लो
तो अब समझ लो की कहाँ देखा है
जी हाँ मैंने एक ऐसे रिश्ते को देखा है
कहना काफी नहीं था तुम्हारा
कुछ याद रखते तो समां बंध जाता
उम्मीदें तो काफी हैं
असल समझ अभी बाकी है
चाहतें कुछ खास नहीं हैं पता है
फिर भी पाने की ख्वाहिश बाकी है
कहते हैं सब है बड़ा मुश्किल
न जाने क्यों मुझे आसान लगता है
भूत भविष्य करते करते
वर्तमान हैवान लगता है
उम्मीदें तो काफी हैं
असल समझ अभी बाकी है
उम्मीदें तो काफी हैं
असल समझ अभी बाकी है